Blog

Hits: 1539

एक लकड़हारे युवक की कहानी है। लकड़हारा काफी मेहनती था। वह दिन में अवकाश के समय भी काम करता रहता और उन बुज़ुर्ग लोगों से उसे शिकायत रहती कि वे दिन में कई बार कुछ न कुछ पीने और गप्प हांकने के लिए बेवजह काम रोक कर समय नष्ट करते हैं। जैसे जैसे समय बीतता गया, उस युवा ने गौर किया कि हालांकि वह निरंतर बिना रुके अवकाश के समय भी काम करता है और शायद ही कभी आराम करता हो, इसके बाबजूद बाकी के बुजुर्ग लोग उतने ही पेड़ काट रहे थे बल्कि कई बार तो उससे भी ज्यादा काट डालते थे। ऐसा लगता था कि वे बुजुर्ग उसी की भाँति अवकाश के समय भी काम करते रहे हों इसलिए उसने तय किया कि अगले दिन से अब वह और ज्यादा मेहनत से काम करेगा। दुर्भाग्य से इसका नतीजा और भी खराब निकला।

Read More
Hits: 2908

बहुत ही दुखद स्थिति है कि विश्व पटल पर हिन्दी बोलने वालों की संख्या दूसरे या तीसरे स्थान पर हैं, लेकिन हिन्दी या कोई और भारतीय भाषा का ऑनलाइन प्रयोग करने वालों की संख्या बहुत ही कम है। क्या हम कभी इस डिजिटल विभाजन को दूर कर पाएंगे ?

Read More
प्रमाणित अनुवाद सेवाएँ